Hanuman Chalisa Super Fast Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा
- Hanuman Chalisa (super Fast)song 320kbps
- Hanuman Chalisa Super Fast Hanuman Ashtak Bajrang Baan
Hanuman Chalisa is a devotional hymn dedicated to Lord Hanuman. Here are the lyrics in both Hindi and English:
Hindi: श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार।।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीश तिहुँ लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि पुत्र पवन सुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरण विराज सुबेसा। कानन कुंडल कुञ्चित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै।।
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग बंदन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज सवारे।।
लाय संजीवन लखन जियाए। श्री रघुबीर हरषि उर लाए।।
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीशा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राजपद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
महावीर जब नाम सुनावै।
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।
और मत ज्ञानी के भ्रमा। राम रसायन तुम्हरे पासा।
तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।
अंत काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्व सुख करई।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
दोहा: पवनतनय सङ्कट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
Great
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